दोस्तो
मैं अक्सर ये सोचकर परेशान
हो जाता था । की
देश की सबसे पुरानी
पार्टी जिसने 70 सालो इस देश पर
राज किये ।
वो पार्टी
आखिर क्यों हमेशा देश के खिलाफ हमेशा
रहती है । आखिर
देश की सबसे पुरानी
पार्टी के लोग हमेशा
उपद्रवियों, आतंकवादीयो ,अलगाववादीयो व गद्दारो को
सहयोग व समर्थन देती
है ।
आखिर ये
पार्टी कैसे एक आतंकवादी को
बचाने के लिये मध्यम
रात्री को सुप्रीम कोर्ट
पहुँच गये थे । आखिर
क्यों देश की सबसे पुरानी
पार्टी अपने 70 सालो में देश को 70 गुणा कमजोड़ करते गयी ।आखिर कैसे
काँग्रेसी अपने सांसदों की गिनती से
अधिक गोटाले कर लेते थे
।
हर शाशन काल
में ये सब सोच
- सोच के मेरा दिमाग
पगला जाता था । कुछ
समझ नही आता था । तब
मैने इसका कारण खोजने की कोशिश शुरू
की और तब जो
मुझे पता चला वो जानकर मेरे
पैरों तले जमीन सरकती हुई महसूस हुआ ।
आज मैं
वो जानकारियां आप लोगो तक
भी पहुचाने का प्रयास कर
रहा हूँ । तब आप
लोगो को भी पता
चलेगा की आखिर काँग्रेस
ऐसी क्यो है ।
दोस्तों
सबसे पहले आप लोग ये
जान लीजिये काँग्रेस की स्थापना नेहरू,गाँधी आदि तो छोड़िये किसी
हिंदुस्तानी ने भी नही
किया था ।
इसकी
स्थापना एक अंग्रेज ने
किया था । जो
की भारत में गवर्नर के पद पर
आसीन था । अंग्रेजों
के शाशन काल में और कांग्रेस की
स्थापना इस अंग्रेज अधिकारी
ए.ओ.ह्यूम ने
1957 में की थी ।
आप लोगो के मन मे
ये सवाल जरूर उठ रही होगा
की एक अंग्रेज हिंदुस्तान
के बारे में कैसे सोचा था। तो दोस्तो उस
अंग्रेज ने हिंदुस्तान के
लिये नही बल्कि अंग्रेजों के लिये इस
पार्टी की स्थापना की
।
दोस्तो 1957 के विद्रोह से
अंग्रेज हिल गये थे ।
उन्हें
बहुत ताज्जुब हुआ की उन लोगो
के नाक के नीचे कैसे
इतने बड़े विद्रोह की तैयारी आदि
हुई और इन लोगो
को कानो कान खबर तक नही हुई
। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना
हो ये सोच कर
अंग्रेजों ने कांग्रेस की
स्थापना की ताकी अगर
पुनः ऐसी किसी विद्रोह की बात हुई
तो उन तक सब
खबर समय से पहले पहुँच
जायेगा और वो लोग
उस को कुचल देगे
।
इसी उद्देश्यों के कारण कभी
भी काँग्रेस की कमान कभी
भी किसी कट्टर देशभक्तों को नही मिली
यही कारण है । की
नेताजी,पटेलजी आदि कांग्रेस के अध्यक्ष पद
के लिये चुने जाने के बाबजूद उस
पद को ग्रहण नही
कर सके थे ।
दोस्तो
चुकी काँग्रेस ने एक सोची
समझी साजिश के तहत कांग्रेस
की घटनाओं को नजरअंदाज करती
रही और अपने खास
- खास लोगो को कांग्रेस में
महत्वपूर्ण पदों पर आसीन करती
रही थी ताकी वहाँ
होने बाली हर गतिविधियों की
जानकारियां उसे सही - सही मिलती रहे ।
अंग्रेजो ने
कांग्रेसी नेताओं को गुप्त तरीके
से खुली छूट दी हुई थी
। जो उन लोगो
को पता थी । तब
अंग्रेजों ने सभी देश
भक्तों को इससे जोड़ने
के लिये कांग्रेस नेताओं द्वारा अनेक अंग्रेजों के विरुद्ध व
हिंदुस्तान के पक्ष में
आंदोलन करबाये जिसे देख - देख कर लोगो में
काँग्रेस एक देश की
भलाई करने बाली पार्टी के रूप में
प्रचलित होने लगी फिर धीरे - धीरे लगभग सभी स्वतंत्रतासेनानी इससे जुड़ने लगे जो की कांग्रेस
की स्थापना का मुख्य मकसद
था ।
इस के
जरिये हर खबर अंग्रेजों
तक पहले ही पहुँच जाती
थी पर कई सालों
बाद कई देशभक्तों को
काँग्रेस की मंशा पर
शक होने लगा और फिर वो
लोग कांग्रेस के अलग अपनी
लड़ाई लड़नी शुरू की नेताजी,चंद्रशेखर,
भगत सिंह आदि उन्ही में से थे ।
जो कांग्रेस की मंशा जान
लिया था । तो
दोस्तों कांग्रेस की स्थापना ही
देश के खिलाफ करवाई
करने की सूचना प्राप्त
करने के लिये हुई
वो पार्टी व उसके नेता
देश का साथ कभी
भी नही दे सकते ।
उम्मीद है काँग्रेस का
सच जानकर आपको ताज्जुब होगा पर इस बात
की सत्यता आप विक्रम संवत
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दोस्तो
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