ताज नही गीता बना प्रतीक ?
दोस्तो सरकार कोई भी हो घर पे मनी ऑर्डर नही भेज सकती है । ये जान ले वो मोदीजी का विरोध करते हैं । तो बात समझ आती है । क्योकी मोदिजी ने उन लोगो के मंसूबों पर पानी फेर दिया है । तो वो तो विरोध करेंगे ही पर दोस्तो आप सनातनियो को मोदिजी का साथ देने में क्या दिक्कत हो रही है ।
मुझे पता नही हमारे और आपके इसी ह न ह न के चक्कर में अपना देश 820 साल गुलाम रहा था । ये आप लोग भूल गये क्या दोस्तो मोदिजी के राज में नित नये नये इतिहास रचे जा रहे हैं । जिसका शायद आप लोगो में से बहुतों को पता भी नही चलता ।
पर उन कामों से देश और सनातनियों का मान सम्मान लगातार बढ़ रहा है । वैसा ही एक काम है । ताजमहल को हटा कर गीता को देश का प्रतीक चिन्ह बनाना । दोस्तों देखने मे भले ही ये बहुत छोटी सी बात लगे पर जड़ा गहराई से सोचियेगा तो इस का मतलब व महत्व दोनो समझ आ जायेगा ।
दोस्तों मोदिजी जब प्रधानमंत्री बने तो वो राष्ट्रपति जी से मिलने राष्ट्रपति भवन गये । वहाँ से लौटते समय उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ताजमहल दिया तो मोदिजी ने प्रणब मुखर्जी से पूछा ये तो राष्ट्रपति जी ने कहा की जो भी देश या विदेशों से कोई राष्ट्रपति भवन आते हैं ।
तो उन्हें ये ताजमहल देश के प्रतीक के रूप में दी जाती है । दोस्तो जड़ा सोचिए कोइ कब्र किसी देश का प्रतीक कैसे हो सकता है । पर क्या कहे तब हम सनातनी तत्काल ही कांग्रेस की गुलामी से आजाद हुए थे । तो मोदिजी ने पूछा की ये ताजमहल ही क्यो तो राष्ट्रपति जी ने कहा की ये तो बरसों से चली रही परम्परा है । जिसे हर राष्ट्रपति निभाते रहे हैं ।
पर ये कहते वक्त राष्ट्रपति जी ने ये सोचा भी नही होगा की इस राष्ट्रभक्त को ऐसी देश विरोधी व सनातनी विरोधी परम्परा से शख्त नफरत है । और ये इस परम्परा को भी खत्म कर देंगे । वहाँ से मोदिजी आवास पर आये और आवास पर आते ही देश के तमाम बेहतरी पब्लिसर को बुलाकर उन्हें गीता का प्रिंट कर जल्द से जल्द एक सैम्पल देने को कहा और जिस पब्लिशर्स का प्रिंट सबसे अच्छा था ।
उन्हें गीता छपने का आर्डर दे दिया । और उस पब्लिशर्स की छापी हुई गीता लेकर राष्ट्रपति भवन पहुँच गये और वहाँ सभी कागजी करवाई सम्पन्न कर के राष्ट्रपति जी को गीता देते हुए बोले की आज से राष्ट्रपति भवन में जो भी देश या विदेश से आयेगे उन्हें देश के प्रतीक चिन्ह के रूप में ये गीता दीजियेगा ।
और उस समय से देश का प्रतीक चिन्ह ताज से बदल कर गीता हो गई है । दोस्तों कल तक जिस गीता को हम अपने घरों में पूजते थे । उस गीता को आजादी के 70 साल बाद देश का प्रतीक बना देने बाले मोदीजी का साथ अगर देशभक्त सनातनी नही देगे तो कोई देगा जागिये और देश की वर्तमान स्थिति को देखिये और फिर सोचिये मोदिजी है । तब इतने जुल्म कहि मोदिजी नही रहते तब क्या होता ।
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