Thursday 17 December 2020

मजहब ही सिखाता आपस में बैर करना ?

                                                  मजहब ही सिखाता आपस में बैर करना ?

दोस्तो आप लोगो मे से बहुतों को ये बात बेकार लग रही होगी यकीन मानिये जब आप लोग इस ब्लॉग को पूरा पढेंगे तो जरूर आप भी यही कहेंगे कि मजहब ही सिखाता आपस में बैर करना   दोस्तो दुनिया में सभी मजहब के लोग दूसरे धर्मों के लोगो को अपना दोस्त भाई मान सकते हैं  

दिल से पर कटुवे कभी भी किसी दूसरे धर्म के लोगो को दोस्त या भाई नही मान सकते दिल से ये हमेशा याद रखियेगा अगर आप ये सोचते हैं की दूसरे धर्म के लोगो के साथ कटुवे मिल के रहेगे तो आप दिन में तारे देख रहे हैं कटुवे किसी दूसरे धर्म के लोग को अपना मान ही नही सकते  

ये जो गंगा जमुना तहजीब की बात करने बाले नेता लोग हैं उन से जड़ा पूछिये अगर ये गंगा जमुनी तहजीब उस वक्त कहा थी जब सोमनाथ तोड़ा लुटा जा रहा था तब कहा थी जब काशी विश्वनाथ को कुँए में भेकने की नोबत गयी तब कहा थी जब मथुरा में मंदिरे तोड़ी गई  

तब कहा थी जब जम्मू कश्मीर में मस्जिदों से अजान के बदले हिन्दुओ को कश्मीर छोर कर चले जाने की धमकी दी जा रही थी इतिहास उठाकर देख लीजियेगा जिस धर्म के लोगो ने या जिस मुल्क ने इन्हें अपना भाई ,दोस्त समझने की गलती की उस धर्म के लोगो उस देश का अस्तित्व ही खत्म होगया है  

दोस्तो और ऐसा इस लिये हो रहा है क्योकी इन कटुओ की जो धार्मिक ग्रंथ है जिस की चर्चा ये लोग हर बात में करते हैं उसी धार्मिक ग्रंथ 24 हजार से भी अधिक आयते है उन तमाम आयतों में 24 आयते ऐसी है जिसे देख कर आप भी समझ जायेंगे  

इसी सम्बन्ध में 31 जुलाई 1986 को जस्टिस जेड.एस. लुहास ने एक फैसला दिया था जिसमे कहा गया की कुरआन शरीफ की आयतों में 24 आयते ऐसी है जो कहती है जो लोग दूसरे धर्म के है जो लोग इस्लाम को नही मानते उनकी हत्या जायज है और ऐसी स्थिति में हिंदुस्तान में शांति अमन कायम नही हो सकता

आप के पास यदि ये ग्रथ है तो उस ग्रन्थ के सूरा नम्बर 9 आयत नम्बर 5 देखिये जिसमें लिखा है मुशरिक जहाँ भी मिले और वो अल्लाह को कबूल करने से मना कर दे तो उसका कत्ल वाजिब है दुनिया के तमाम आतंवादी संगठन बिल्कुल वही कर रहे हैं यही कारण है  

की इन आतंकवादियों को मुसलमान मुस्लिम मुल्कों का पूरा साथ मिला हुआ है यही कारण है कि कोई मुस्लिम देश या मुसलमान इन के खिलाफ कुछ नही करता क्योकी ये लोग जानते हैं ये आतंवादी उनके धर्मिक ग्रंथ के कहे अनुसार ही चल रहा है । 

ये कटुवे अपने बच्चों को 3/4साल से ही मदरसों में भेजते हैं जहाँ उन बच्चों को उतनी छोटी उम्र से ही उस धार्मिक ग्रंथ को पढ़ाया जाता है अब आप खुद कल्पना कीजिए की जब किसी को उतनी छोटी उम्र से ही ऐसी बाते पढ़ाई जायेगी तो बड़े होते होते तो पूरी तरह उस धर्म ग्रंथ के लिये समर्पित हो जायेगा  

ऐसे में वो किसी भी हालत में वो दूसरे धर्म के लोगो को अपना दोस्त या भाई कैसे मान सकता है  इसी लिये आज ये आतंवादी के लिये सब कत्ल के लायक होते हैं ये बाते आप हम सरकारें जितनी जल्दी मान लेंगे उतनी कम हानि होगी ।नीचे रोचक व ज्ञान वर्धक जानकारी बाली BLOG  का  मै LINK दे रहा हूँ । इन BLOG को पढ़ने के लिये उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी । 👇

                                                       अर्थव्यवस्था पटरी पर

                   👉   http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2020/12/blog-post_10.html

                                                      शेयर,प्रमोटर दोनो देखें

                            👉   http://deeptbr.blogspot.com/2020/12/%20%20%20%20.html

 ये BLOG उपयोगी है या नही COMMENT कर जरूर बताइयेगा ।  इन BLOG को पाने के लिये अपना EMAIL डाल कर इस BLOG को SUBSCRIBE,SHARE व FOLLOW  करे ।इस BLOG को दूसरों तक पहुँचाने के लिये उन का EMAIL डाल कर उनके EMAIL को SUBSCRIBE कर के ये BLOG उन तक भी आप पहुँचा सकते हैं ।

दोस्तों अगर आप लोगो की कोई समस्या या सुझाव हो या कोई ऐसा विषय जिस पर आप लोग BLOG पढ़ना चाहते हो । मुझें COMMENT करके जरूर बताइयेगा मैं आपकी समस्याओं के समाधन करने की पूरी कोशिश करूँगा । 

साथ ही आप के बताये विषय पर जल्द से जल्द BLOG लिखने की कोशिश करूँगा । कॉमेंट बॉक्स में अपना EMAIL भेज कर भी आप ये ब्लॉग पा सकते हैं ।

: धन्यवाद :

 

No comments:

featured post

संरक्षक नही संहारक की सुनते मलेक्ष P7

                                       संरक्षक नही संहारक की सुनते मलेक्ष P7 दोस्तों इतिहास गवाह है। कोई भी देश या राष्ट्र जिसमें शिक्षा ...