Wednesday 14 April 2021

गो हत्यारा कौन ?

                                                 गो हत्यारा कौन ?

दोस्तो अगर किसी भी हिन्दू से मैं ये सवाल पुछु तो वो बिना रुके कहेंगे मुसलमान पर क्या ये जबाब सही है । आज में इसी विषय पर कुछ जानकारी आप लोगो के साथ शेयर कर रहा हूँ । गो हत्यारा कौन का जबाब देने से पहले आशा करता हूं । आप लोग इन विषयों पर जरूर गोड़ कीजियेगा ।

दोस्तो देश में इतनी सरकारें बनी पर किसी सरकार ने गो हत्या पर रोक लगाने बाले कानून नही लाये हैं । वश एक प्रधानमंत्री ऐसे हुए जिन्होंने इसे संसद में सबेरे लाया तो पर शाम को खुद वापस भी ले लिये थे । दोस्तों जैसे ही ये बिल संसद में आई अटल सरकार की सहयोगी 

पार्टी त्रिमूल कांग्रेस और तेलगु देश पार्टी ने इसका विरोध किया । संसद से बाहर आने पर त्रिमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पत्रकारों के सवाल के जबाब में कहा मैं ब्राह्मण हु तो क्या हुआ गाय खाना हमारा मौलिक अधिकार है । इसे हमसे कोई नही छीन सकता । 

तो वही देलगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में अपना वयान जारी कर कहा की यदि सरकार गो हत्या पर कानून लाती है । तो मैं कल ही अटल सरकार से समर्थन वापस ले लूँगा । उस समय अटल जी की प्राथमिकता सरकार बचाने की थी ना की गो हत्या रोकने की इसी लिये अटल जी ने गो हत्या पर लाई कानून वापस ले ली 

दोस्तो आप लोगो को शायद जानकर आश्चर्य होगा की देश में कुल 3600 गो कत्ल खाने रजिस्टर है । जिनमें से लगभग 60% कत्ल खाने विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के है । ये लोग गो हत्या कर उनके मांस को विदेशों में बेच कर करोड़ो रूपये कमा रहे हैं । इस में हर कोई है ।

दोस्तो इसी संबंध में शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था । गो हत्या हम नही करेगे तो हम इन्हें रखेगे कहा । जब इनसे निजी मुलाकात कर इस विषय मे बात की गई तो इनके कुछ अजीब कुतर्क थे । इतने गायों का चारा हम कहा से लाएंगे,गो जब बूढ़ी हो जाती है । तो वो दूध नही देती फिर उसे जिंदा रख के फायदा क्या आदि ।

दोस्तो अब जड़ा आप खुद सोचिये

1)गो हत्या कर अपना पेट भरने बाले दोषी या गो हत्या कर व्यापार करने बाले दोषी

 2)गो हत्या कर रुपये कमाने बाले दोषी या गो हत्या कर डॉलर कमाने बाले दोषी

3)दूध देने बंद करने बाली व बीमार गIयो को बेचने बाले दोषी या इन दूध देना बंद करदेने बाली व बीमार गाय को खरीदने बाला दोषी

4)विदेशियों की थाली में गो मांस पहुचाने बाले दोषी या जो यहाँ लोगो की थाली में गो मांस पहुचाये वो दोषी

5)कानून ना बनाने बाले दोषी या कानून ना होने के कारण खाने बाले दोषी

दोस्तो जबाब निष्पक्ष होकर दीजियेगा और जब भी मौका मिले अपने नेताओं से पूछियेगा गो हत्या कर कर के कब तक आप लोग अपनी तिजोरी भरते रहियेगा । दोस्तो यकीन मानिए अगर मुसलमान गो माँस खाना छोड़ भी दे । गो हत्या के समर्थन में फतवा जIड़ी कर दे तब भी

ये बेईमान नेता लोग गो हत्या बंद नही करेगे । काश देश के मुस्लिम ये ऐलान कर दे कि गो हत्या हराम है । फिर देखियेगा असल गो हत्यारा कौन है । दोस्तो डॉलर में बहुत ताकत होती है ।

दोस्तो गो हत्या हमारे देश में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है । समय - समय पर इसे रोकने की माँग उठती रही है । जब देश आजाद हुआ तो गाँधी जी ने कहा था । अब देश आजाद हो चुका है । अब तो देश में अंग्रेज नही है । अब देश में गो हत्या बंद होनी ही चाहिये तब गो हत्या बंद करने का प्रस्ताव संसद में महावीर त्यागी जी लेकर आये थे । त्यागी जी निर्दलीय उम्मीदवार बार बन कर चुनाव लड़ते थे और जीतते थे । 

उनकी योग्यता का अंदाजा आप लोग इसी बात से लगा सकते हैं । कि संसद में जब त्यागी जी बोलने के लिए उठते थे तो नेहरूजी सब काम छोड़ कर उनका भाषण सुनते थे । ताकी उन्हें सही से जबाब दे सके त्यागी जी सरकार की बेहद खिंचाई करते थे । 

त्यागी जी जब संसद के अंदर गो हत्या बंद करने का प्रस्ताव लेकर आये थे । तब उन्होंने पूरे सदन में गोहत्या रोकने के पक्ष में मुस्लिम समुदाय के द्वारा सहयोग व सहमती के तमाम दस्तावेज भी बाटे थे । उन्हों ने कहा की असल में बहुत कम मुसलमान ही गाय खाते हैं । असल मे ये अंग्रेजों द्वारा किया गया दुष्प्रचार था की मुस्लिम गाय खाते हैं 

मारते हैं अंग्रेजों ने ये दुष्प्रचार इस लिये किया था की वो जानते थे । कि गाय हिन्दुओ के लिये कितना पूज्य हैं । और ऐसे में अगर उस गाय को मार कर खाने बाला मुसलमान बताया जाय तो इस मुद्दे पर हिन्दू और मुसलमान एक दूसरे के दुश्मन बन कर लड़ते रहेगे और अंग्रेजो का राज चलता रहेगा । 

इन सब का परिणाम ये हुआ की गो हत्या पर संसद में जो चर्चा हुई उस में से मात्र 5 या 10 सांसदों को छोड़ सब गो हत्या रोकने के इस प्रस्ताव के समर्थन में आ गये तब तय हुआ की अगले दिन इस बिल पर वोटिंग होगी पर वोटिंग से पहले ही ये तय लग रहा था । की ये बिल पास हो जायेगा पर जिस दिन बिल पर वोटिंग होनी थी । 

उस दिन सदन में आते ही नेहरू ने कहा की गो हत्या बाले प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले कुछ कहना चाहता हूँ । और सब उत्सुकता पूर्ण उनकी बातें प्रारंभ होने की प्रतीक्षा करने लगे तब नेहरू ने कहा आज यदि गो हत्या कानून बन जाता है । 

तो मैं इस्तीफा दे दूँगा इतना सुन्ना था की त्यागी जी के अलावा सब अपने निजी स्वार्थों के लिये पीछे हो गये और तब पहली बार सदन के अंदर गो हत्या रोकने के लिए कानून बनते बनते रह गया । दोस्तों जैसा की आप लोग देख ही रहे हैं । गो हत्यारा कौन ? शीर्षक का ये ब्लॉग बहुत बड़ा हो गया है । 

अतः मैं इसे दो भागों में बाँट रहा हूँ । और इस ब्लॉग के पहले भाग को यही समाप्त कर रहा हूँ । इस ब्लॉग के शेष अंश आप गो हत्यारा कौन ? P 2 में पढेंगे आप लोगो को हुई इस असुविधा के लिये मुझे बेहद खेद है ।

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