इंदिरा सोनिया हिन्दुओ से नफरत करती है part 2
दोस्तो आप लोगो ने इंदिरा सोनिया हिन्दुओ से नफरत करती है इस शीर्षक बाले मेरे ब्लॉग को उम्मीद है । आप लोगोंने जरूर पढ़ा होगा आइये उस ब्लॉग के शेष भाग पर नजर डाले । दोस्तो इंदिरा व सोनिया की कुछ कड़वी हकीकत से मैं आज फिर आप लोगो को रूबरू करवाता हूँ ।
दोस्तो इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू राजवंश में अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर पहुचा दीया था । वैसे तो पहुँच व पैसों के बदौलत बौद्धिक इंदिरा को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था । लेकिन वहाँ से जल्दी ही उन्हें पढाई में लगातार खराब प्रदर्शन के कारण बाहर निकाल दीया गया था । जिसके बाद उनको शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था ।
चुकी उनकी पहुँच उन से पहले पहुँच जाती थी । लेकिन शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के प्रमुख गुरु देव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें बहुत जल्द उसके दुराचरण के लिए शांतिनिकेतन से बाहर निकल दिया था । दोस्तो शान्तिनिकेतन से बहार निकाले जाने के बाद इंदिरा गांधी बिल्कुल अकेली हो गयी । क्योकी राजनीतिज्ञ के रूप में पिता पंडित नेहरू राजनीति के साथ व्यस्त थे ।
तो दूसरी तरफ उनकी मां कमला नेहरू तपेदिक से स्विट्जरलैंड में मर रही थी । उनके इस अकेलेपन का फायदा फ़िरोज़ खान नाम के एक मुस्लिम व्यापारी ने उठाया । उस समय फ़िरोज़ खान का परिवार मोतीलाल नेहरु के घर पे महँगी विदेशी शराबो की आपूर्ति किया करता था । और इस सिलसिले में फ़िरोज़ खान का मोतीलाल नेहरू के यहाँ काफी आना - जाना होता था ।
इसी के कारण इंदिरा व फिरोज के बीच जानपहचान हुई और फिर दोनों के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित होगया । इस सम्बंध में महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल डा.श्री प्रकाश नेहरू ने चेतावनी दी थी की फिरोज खान उसके साथ अवैध संबंध बना रहा था । फिरोज खान इंग्लैंड में था । उसकी इंदिरा के प्रति
बहुत सहानुभूति भी थी । इंदिरा भी वही थी । वो भी फिरोज खान से बहुत प्रेम करती थी । जिसके कारण ही इंदिरा फिरोज खान से शादी करने के उद्देश्य से अपना हिन्दू धर्म का त्याग कर दिया और फिर इंदिरा ने मुस्लिम धर्म को अपना कर एक मुस्लिम महिला बन गईं और फिर वही लंदन के एक मस्जिद में फिरोज खान से इंदिरा की शादी पूरी मुस्लिम रीतिरिवाजों के साथ हुई ।
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू ने अपना नया मुस्लिम नाम मैमुना बेगम रख लिया था । उनकी मां कमला नेहरू इस शादी से काफी नाराज़ थी । जिसके कारण उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ती गई । पंडित नेहरू स्वयं भी इस धर्म रूपांतरण व विवाह से बहुत नाराज हुए थे ।
क्योकि इससे इंदिरा के भारत के प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना खतरे में आ गयी थी । इसी के कारण पंडित नेहरू ने युवा फिरोज खान से कहा कि वो अपना उपनाम खान से बदल कर गांधी करले । यहाँ ये गौर करने बाली बात है की ये सिर्फ और सिर्फ नाम का परिवर्तन था ।
परन्तु इसका इस्लाम से हिंदू धर्म में परिवर्तन के साथ कोई लेना – देना नहीं था । यह सिर्फ एक शपथ पत्र द्वारा नाम परिवर्तन का एक मामला था । ना की मुस्लिम से हिन्दू बनने की और उसके बाद से ही फिरोज खान फिरोज गांधी बन गये ।
वश जनता को बेबकुफ़ बनाने के लिये हालांकि यह भी बिस्मिल्लाह शर्मा की तरह एक असंगत नाम है । दोस्तो जैसा की आप लोग देख रहे हैं । ये भाग लम्बा हो रहा है । अतः इस भाग को यही समाप्त करने की आज्ञा चाहूंगा । बाकी के शेष आप लोग इंदिरा सोनिया हिन्दुओ से नफरत करती है । के आखरी ब्लॉग में पढेंगे
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