पॉयलट वे प्रधानमंत्री राजीव गाँधी P1
दोस्तों दुनिया में कई ऐसे लोगो के उदाहरण हमारे सामने में मौजूद हैं जिन्होंने जाने अनजाने ही सही अपने आने बाले कल के बारे में जो कहा वो उनके जीवन मे सच हुआ था । ऐसा ही एक उदाहरण है । अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन .एफ .केनेडी का जिन्होंने
अपनी हत्या से कुछ ही दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति को मारना चाहता है । तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी बशर्ते हत्यारा ये तय कर ले कि मुझे मारने के बदले वो अपना जीवन भी देने के लिए तैयार है। और
"अगर ऐसा हो जाता है । तो फिर दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे बचा नहीं सकती। ऐसा ही राजीव गांधी के जीवन में धटित हुई जब " 21 मई, 1991 की रात दस बज कर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कुछ ऐसा ही घटित हुआ।
जब उन्तीस / तीस वर्ष की एक छोटे व दुवले पतले कद काठी की लड़की चंदन से बने फूलो का एक हार लेकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरफ़ बढ़ी। और जैसे ही वो राजीव गाँधी के पास पहुँच कर उनके पैर छूने के लिए झुकी, उसके पीठ पर बन्धे बम का एक जोरदार धमा हुआ जिससे वहां सन्नाटा पसर गया । और वो दिन अर्थात 21 मई की तारीख यानी राजीव गांधी की पुण्यतिथी का दिन होगया ।
हमने राजीव गांधी के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण व दिलचस्प किस्से ,उनके कुछ विवादित , गलतिया , और राजीव गांधी हत्याकांड से जुड़े कुछ विषयो पर इस ब्लॉग के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं । जिसे हमने कुछ किताबों व जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही कहा है ।
दोस्तो किसी के भी जीवन में धटित घटनाओ को हम तभी जान पाते हैं । जब हम इतिहास में वीते पन्नो पर नजर डालेंगे तो । दोस्तों फरवरी 1945 की रात थी । और जगह था इलाहाबाद का नैनी जेल । रात को जेल की वैन रूकती है । और रात के अंधेरे में उसमें से एक बुजुर्ग नीचे उतरता है ।
जो बापू की आवाज पर पलटता है। वही सड़क की दूसरी तरफ एक लड़की नजर आती है। उसके हाथ में एक छोटा बच्चा है। ये एक बेहद ऐतिहासिक क्षण था। ऐतिहासिक इसलिए कि सड़क के इस पार खड़े व्यक्ति और सड़क की दूसरी तरफ आवाज लगाती युवती और उसके गोद में खेलने वाले नवजात तीनों ने इस देश पर हुकूमत किया है।
दोस्तों अब तो शायद आप लोगो को अंदाजा लग ही गया होगा कि हम किस परिवार की बात कर रहे हैं।
दोस्तों दरअसल, उस समय जेल की उस वैन से उतरते हुए व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी थे । जो भारत छोड़ो आंदोलन के चलते जेल में बंद थे। इंदिरा गांधी लगातार नेहरू को खत और तस्वीरे भेजती रही थी ।
जिसमें वो उनके नवासे के लिए नाम भी सूझा रही थी। लेकिन नेहरू द्वारा अपने नवासे को देखने का ये पहला मौका था। राजीव का नाम राजीव कैसे पड़ा इसकी भी एक दिलचस्प कहानी है। कई नामों में से एक नाम का चयन हुआ राजीव, नेहरू की पत्नी जिनका की कुछ वर्षों पूर्व ही देहांत हुआ था । उनका नाम था कमला और राजीव का अर्थ भी कमल ही होता है।
राजीव के नाम के साथ एक शब्द और भी जुड़ा हुआ था। जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। राजीव के नाम के साथ दूसरा जो शब्द जुड़ा था । वो था रत्न जिसे नेहरू ने खुद चुना था। रत्न का अर्थ होता है । जवाहर, यानी की नाना और नानी के नाम से नाती का नाम बना था ।
राजीव गांधी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी। वो पढ़ाई करने के बाद पायलट बनकर अपनी ज़िन्दगी जी रहे थे । लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें मजबूरन राजनीति में आना पड़ा था । अगर संजय गांधी जिंदा होते तो शायद राजीव गांधी राजनीति में आते भी नही ।
राजीव गांधी ने देश को आधुनिक बनाने और कम्प्यूटर को भारत लाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन राजीव गांधी का नाम अधिकतर विवादों से ही जुड़ा रहा । कुछ विवाद तो ऐसे थे । जो आज तक भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रही है ।
दोस्तों इस ब्लॉग को यही समाप्त करने की आज्ञा चाहता हूँ । इस ब्लॉग के अगले भाग में आप लोग इस ब्लॉग के शेष भाग को पढ़ पाएंगे । दोस्तो नीचे रोचक व ज्ञान वर्धक जानकारी बाली BLOG का मै LINK दे रहा हूँ । इन BLOG को पढ़ने के लिये उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी
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